कोरोना का नया स्ट्रेन 70 प्रतिशत ज्यादा घातक है, जानें कितना खतरनाक है

नई दिल्ली। ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए प्रकार (स्ट्रेन) के सामने आने के बाद यह धीरे-धीरे पूरी दुनिया में अपना पैर पसार रहा है। लंदन, दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड और पूर्वी इंग्लैंड, डेनमार्क और ऑस्ट्रेलिया में कोरोना के नए स्ट्रेन सामने आए हैं। वायरस के नए स्ट्रेन से हालात बेकाबू होने के बाद ब्रिटेन के कुछ शहरों में सख्त प्रतिबंध लगाया है। यहां अब तक की सबसे सख्त पाबंदियां लगाई गई हैं। यह वायरस बेहद कम दिनों में इंग्लैंड के कई हिस्सों में सबसे आम हो गया है।

Corona’s new strain is 70 percent more deadly, know how dangerous it is

New Delhi. After the introduction of a new strain of Corona virus in Britain, it is gradually spreading its footprint across the world. New strains of Corona have surfaced in London, South-East England and East England, Denmark and Australia. Following the uncontrolled situation of the new strain of the virus, some UK cities have imposed strict restrictions. The strictest restrictions have been imposed here so far. The virus has become most common in many parts of England in a very short period of time.

कोरोना का यह नया स्ट्रेन नॉर्दर्न आयरलैंड को छोड़ पूरे ब्रिटेन में फैला है, लेकिन लंदन, दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड और पूर्वी इंग्लैंड में इसके ज्यादा संक्रमण पाए गए हैं। दुनिया भर में वायरसों के जेनेटिक कोड पर नजर रखने वाली संस्था नेक्स्टस्ट्रेन के आंकड़ों से पता चलता है कि डेनमार्क और ऑस्ट्रेलिया में भी यह बदला वायरस मिला है, लेकिन उन जगहों पर यह वायरस ब्रिटेन से आए लोगों से ही पहुंचा है। इटली, फ्रांस और नीदरलैंड में भी इस वायरस के कुछ मामले मिले हैं। दक्षिण अफ्रीका में भी इससे मिलता-जुलता वायरस का प्रकार मिला है, लेकिन उसका ब्रिटेन में मिले वायरस से कोई संबंध नहीं है।

कोरोना के नए स्ट्रेन की 10 घातक बातें

  1. वैज्ञानिकों का मानना है कि वायरस की नई किस्म में कम से कम 17 महत्वपूर्ण बदलाव हैं। सबसे महत्वपूर्ण बदलाव स्पाइक प्रोटीन में आया है।
  2. स्पाइक प्रोटीन का इस्तेमाल वायरस हमारे शरीर की कोशिकाओं में घुसने के लिए करता है। यह तेजी से वायरस के अन्य स्ट्रेन की जगह ले रहा है।
  3. वायरस को कोशिकाओं को संक्रमित करने की क्षमता बढ़ाने के लिए उन म्यूटेशन में से कुछ को प्रयोगशाला में पहले ही दिखाया जा चुका है।
  4. यह स्ट्रेन अत्यधिक तबदीली करने वाला है। यह कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले रोगी में उभरा है, जो वायरस को हराने में असमर्थ था।
  5. इस बात का कोई सबूत नहीं है कि नए स्ट्रेन संक्रमण को अधिक घातक बनाता है। विकसित टीका निश्चित रूप से इसके लिए कारगर साबित होगा।
  6. वायरस के इस प्रकार (स्ट्रेन) को वीयूआई-202012ध्01 पहचान दी गई है। यह तेजी से महामारी फैला रहा है।
  7. दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने देश में 501.वी 2 के रूप में कोरोना के नए स्ट्रेन की पहचान की है।
  8. एन501वाई नामक म्यूटेशन स्पाइक के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से को बदल देता है।
  9. सबसे पहले चीन के वुहान में जो कोरोना वायरस मिले थे, वो अभी दुनिया में मिल रहे वायरस से अलग है।
  10. फरवरी में यूरोप में डी614जी प्रकार का वायरस मिला था। फिलहाल पूरे विश्व में सबसे ज्यादा यही प्रकार मिलता है।

सितंबर में पहला मामला

नए स्ट्रेन का पता सबसे पहले सितंबर, 2020 में चला था, लेकिन नवंबर में लंदन में संक्रमण के एक चौथाई मामलों में इस वायरस से लोग संक्रमित हुए थे। वहीं, दिसंबर का मध्य आते-आते दो तिहाई मामलों में संक्रमण की वजह यही स्ट्रेन पाया गया।

70 प्रतिशत ज्यादा खतरनाक

वायरस का यह नया स्वरूप 70 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है, यद्यपि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कोई साक्ष्य नहीं हैं कि यह ज्यादा जानलेवा है या टीके को लेकर यह अलग तरह की प्रतिक्रिया देगा। इंपीरियल कॉलेज लंदन के डॉ. एरिक वोल्ज कहते हैं, यह बताना अभी वास्तव में काफी जल्दी होग, लेकिन हमने अब तक जो देखा है उसके मुताबिक यह बहुत तेजी से बढ़ रहा है, यह पहले वाले (वायरस के पूर्व स्वरूप) की तुलना में बेहद तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इस पर नजर रखना महत्वपूर्ण है। यूनिवर्सिटी ऑफ नॉटिंघम में विषाणुविज्ञानी प्रोफेसर जोनाथन बाल कहते हैं, सार्वजनिक रूप से अभी जो साक्ष्य उपलब्ध हैं वह इस बात के लिए कोई ठोस राय बनाने को लेकर अपर्याप्त हैं कि क्या इस विषाणु से वास्तव में प्रसार बढ़ा है।

ब्रिटेन से यात्रा पर प्रतिबंध

इंग्लैंड के कुछ हिस्सों में कोरोना वायरस के एक नए प्रकार (स्ट्रेन) के तेजी से पांव पसारने के बीच जर्मनी, इटली, बेल्जियम, डेनमार्क, बुल्गारिया, आयरिश रिपब्लिक, तुर्की और कनाडा के ब्रिटेन से विमानों की आवाजाही पर रोक लगाने के बाद फ्रांस ने भी ब्रिटेन के लिये अपनी सीमाएं बंद करने का फैसला किया है। वहीं, भारत ने भी ब्रिटेन जाने या वहां से आने वाली उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिन अन्य देशों और क्षेत्रों ने ब्रिटेन की यात्रा पर प्रतिबंध लगाया है उनमें हांगकांग, इजराइल, ईरान, क्रोएशिया, अर्जेंटीना, मोरक्को, चिली और कुवैत शामिल हैं।

सऊदी अरब में सभी उड़ानें रुकीं

सऊदी अरब ने कोरोना वायरस के एक नए प्रकार (स्ट्रेन) के सामने आने और उसके तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देनजर अस्थायी रूप से अपनी सभी अंतरराष्ट्रीय यात्री विमान सेवाएं स्थगित कर दी हैं। देश के गृह मंत्रालय ने कहा कि वायरस की प्रकृति के बारे में चिकित्सा संबंधी जानकारी स्पष्ट होने तक इस एक सप्ताह के उड़ान प्रतिबंध को और बढ़ाया जा सकता है। उसने कहा कि देश के भू और समुद्री बंदरगाह भी बंद रहेंगे। सरकार ने पिछले तीन महीने में यूरोपीय देशों से लौटे सभी लोगों को तत्काल कोविड-19 जांच कराने का आदेश दिया है।

सात दिन का क्वारंटाइन अनिवार्य

ब्रिटेन में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के मद्देनजर कर्नाटक सरकार ने ब्रिटेन, डेनमार्क और नीदरलैंड से आने वाले लोगों के लिए सात दिन का क्वारंटाइन अनिवार्य कर दिया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने कहा कि जो लोग पिछले 14 दिनों के दौरान इन देशों से कर्नाटक आए होंगे 24 घंटे के अंदर उनका पता लगाया जाएगा। इसके बाद उनका आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया जाएगा। मंत्री ने सोमवार को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की सलाहकार समिति तकनीकी के साथ बैठक की और इस संबंध में चर्चा की।

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