फरीदाबाद। निजी सेक्टर में 75 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को नौकरी में आरक्षण दिए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस आरक्षण के खिलाफ कन्फेडरेशन ऑफ फरीदाबाद इंडस्ट्री एसोसिएशन के बैनर तले जिले की सभी औद्योगिक संस्थाएं लामबंद हो गई हैं। एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर को इसके विरोध में एक ज्ञापन सौंपा है।
Faridabad: Entrepreneurs mobilized against reservation in industries, memorandum submitted to Gurjar
एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल गुर्जर से उनके कार्यालय पर मिला।
प्रतिनिधिमंडल में लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय सदस्य अरुण बजाज, फरीदाबाद चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रधान एचके बत्रा, लघु उद्योग भारती के प्रधान रवि भूषण खत्री, डीएलएफ इंडस्ट्री एसोसिएशन के जेपी मल्होत्रा, आईएमटी इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रधान वीरभान शर्मा, फरीदाबाद स्मॉल इंडस्ट्री एसोसिएशन के महासचिव विराट सरीन, एमपी रूंगटा, आरके गुप्ता, एनके अरोड़ा आदि उद्यमी मौजूद थे।
पदाधिकारियों ने मंत्री को बताया कि इस तरह के कानूनों से उद्योग चलाना मुश्किल हो जाएगा। हरियाणा में प्रति व्यक्ति आय ठीक है। इसलिए यहां स्थानीय लोग न्यूनतम मजदूरी पर नौकरी करने के लिए तैयार नहीं होंगे।
प्रतिनिधिमंडल ने सुझाव दिया कि वे स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के पक्ष में हैं, लेकिन इससे पहले इन युवाओं को दक्ष होना पड़ेगा।
उन्होंने मंत्री से आग्रह किया कि हरियाणा सरकार स्थानीय युवाओं के लिए प्रोत्साहन के साथ जमीनी स्तर पर पर्याप्त कौशल विकास केंद्र स्थापित करे। कुशल युवाओं का एक डाटा बैंक बनाएं। इसके बाद वह भी ऐसे युवाओं को नौकरी देने को तैयार हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि इस तरह की नीति बनाने से पहले औद्योगिक संगठनों की राय लेना बहुत जरूरी था।
उन्होंने मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री मनोहर लाल से आग्रह किया है कि आने वाली समस्याओं की ओर ध्यान देते हुए ऐसा कानून पास न किया जाए।