फरीदाबाद। केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए किसान संबंधी तीन नए कानूनों के खिलाफ बुधवार को प्रगतिशील किसान मंच के तत्वाधान में बल्लभगढ़ में जिले भर के किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया तथा बल्लभगढ़ की एसडीएम अपराजिता को महामहिम राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन भी सौंपा। प्रदर्शन का नेतृत्व मंच के प्रधान सत्यवीर डागर द्वारा किया गया।
Farmers in Faridabad take to the streets, memorandum submitted to SDM after protest
Faridabad. Farmers from across the district protested in Ballabhgarh under the auspices of the Progressive Kisan Manch on Wednesday against three new farmer-related laws implemented by the Central Government and also submitted a memorandum to the SDM Aparajita of Ballabhgarh to His Excellency the President. The performance was led by stage head Satyaveer Dagar.
किसान नेता सत्यवीर डागर के आह्वान पर आज इन तीन नए कानूनों के खिलाफ जिले भर के किसान बल्लभगढ़ की अनाज मंडी में एकत्रित होकर जैसे ही राष्ट्रीय राजमार्ग की ओर बढ़े, उसी दौरान भारी पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर उनको रोक दिया।
इसलिए किसानों व पुलिस के बीच काफी गर्मागर्मी हुई, लेकिन आखिरी में किसान दूसरे रास्ते से विरोध प्रदर्शन करते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंचे।
इस दौरान उन्होंने भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए इन कृषि विधेयकों को किसानों पर तानाशाही रूप में थोपना बताया।
किसानों को संबोधित करते हुए किसान नेता सत्यवीर डागर ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा पारित किए गए तीन कृषि विधेयक पूरी तरह से किसान, मजदूर और आढ़ती विरोधी हैं। इन विधेयकों के जरिए सरकार के कुछ पसंदीदा पूंजीपतियों को लूट की खुली छूट होगी और किसान अपनी फसल बेचने के लिए इन पूंजीपतियों पर निर्भर होंगे और उन्हें उनकी फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं मिल पाएगा।
डागर ने कहा कि तीन विधेयकों के चलते किसान खेतीबाड़ी के लिए पूंजीपतियों से बंध जाएगा, जिससे किसानों का वजूद लगभग समाप्त हो जाएगा। वहीं यह विधेयक हमारे आढ़ती भाइयों के लिए भी साजिश भरे हैं। सरकार द्वारा बड़े पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए मंडी व्यवस्था को खत्म किया जा रहा है, जो कि पूरी तरह से गलत है।
सत्यवीर डागर ने कहा कि इन कृषि विधेयकों को लेकर किसानों के मन में एक आशंका है कि कहीं पर भी इस विधेयक में न्यूनतम समर्थन मूल्य, जो अब तक चलता आ रहा है, वह आगे जारी रहेगा या नहीं।
उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि किसान अपने हितों की लड़ाई लडना जानता है और यदि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य के प्रति गंभीर है तो सरकार को चाहिए कि वह एक नया कानून बनाए जिसमें यह गारंटी दी जाए कि किसानों को हर हाल में न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलेगा और न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानों द्वारा खेती पर खर्च किए गए मूल्य से अधिक होगा।
सत्यवीर डागर व जिले के सभी किसानों ने ज्ञापन के माध्यम से महामहिम राष्ट्रपति से भी अपील की कि हम किसान सरकार से यह चाहते है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य हर कीमत पर जारी रहना चाहिए, जो कि पहले से चला आ रहा है, वो प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए और जो सरकार सुनिश्चित करे कि व्यापारी एनएसपी से कम कीमत पर किसानों की किसी भी फसल को उससे कम दाम पर न खरीदे और अगर खरीदता है तो उसमें सजा या दंड का प्रावधान होना चाहिए, जिससे कि किसानों का शोषण होने से रोका जा सके।
इस मौके पर ऋषिराज त्यागी, बाबू बौहरे जी, लच्छूराम, बलवंत सिंह, मकरंद शर्मा, लुकमान खंदावली, कृष्णपाल आजाद, प्रहलाद तेवतिया, देवीराम डागर, गोपीराम, प्रदीप डागर, मोहम्मद बिलाल उटावड़, राजन ओझा, सुमित गौड़, रामनिवास नागर, सतपाल नरवत, धर्मबीर धनखड़, कुलदीप यादव, मास्टर रामपाल हुड्डा, हेतलाल, तेजसिंह सिरौही, अशोक रावल, संजय सोलंकी, हरिराम पीटीआई सहित जिले के अनेकों किसान नेता मौजूद थे।