चंडीगढ़। हरियाणा के कोरोनो संक्रमित मरीजों के लिए यह एक खुशखबरी है। अब यहां के मरीजों को नई तकनीक से उपचारित किया जाएगा। आईसीएमआर ने राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में अब प्लाज्मा थैरपी के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी है।
Haryana: New technology will be used in treatment of Corona patients
हरियाणा सरकार अपने यहां के कोविड अस्पतालों में सिम्पटोमैटिक उपचार के अलावा अब प्लाज्मा तकनीक से भी संक्रमितों का उपचार करवा सकेगी।
राज्य सरकार ने इसके लिए आईसीएमआर में आवेदन किया था।
अब आईसीएमआर ने राज्य के मेडिकल कॉलेजों में प्लाज्मा थैरेपी से उपचार को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने इस आशय की जानकारी एक ट्वीट के माध्यम से दी है।
यह है प्लाज्मा थैरेपी
प्लाज्मा थैरेपी के अंतर्गत ऐसे व्यक्ति का प्लाज्मा लिया जाता है, जो कभी कोरोना संक्रमित रहा हो और अब पूरी तरह स्वस्थ्य हो चुका हो।
फिर पूर्व कोरोना संक्रमित व्यक्ति के प्लाज्मा को वर्तमान कोरोना संक्रमित की रक्त वाहिकाओं में चढ़ाया जाता है।
वस्तुतः स्वस्थ हो चुके कोरोना मरीज के शरीर में प्रतिरोधी क्षमता विकसित हो जाती है, जिसे हर्ड इम्युनिटी कहते हैं।
कोरोना वायरस द्वारा दोबारा हमला करने पर हर्ड इम्युनिटी वायरसा का मुकाबला करता है।
जब हर्ड इम्युनिटी वाला प्लाज्मा किसी संक्रमित में चढ़ाया जाता है, तो उसके भी शरीर में इम्युनिटी तीव्र होने लगती है और संक्रमित शीघ्र स्वस्थ हो जाता है।
कोरोनावायरस के जनक चीन में इस तकनीक का सबसे पहले प्रयोग किया गया।
अब कोरोना के इलाज में इसे पूरे विश्व में इस्तेमाल किया जा रहा है।
हालांकि कोरोना से स्वस्थ हो चुके संक्रमित का प्लाज्मा मिलना भी एक टेढ़ी खीर है।
कई पूर्व संक्रमित अपने पुराने अनुभवों के मद्देनजर अन्य संक्रमित की सहायता के सहर्ष तैयार हो जाते हैं, तो कुछ इसे भी पैसा बनाने का अवसर समझते हैं।
इसलिए पूर्व संक्रमित का प्लाज्मा आजकल लाखों रुपए में बिक रहा है।
इस तकनीक को सबसे पहले फरीदाबाद, गुरुग्राम और सोनीपत में लागू किए जाने की उम्मीद हैं।
इन जिलो में ही सर्वाधिक संक्रमित हैं।