आत्मनिर्भर भारत संकल्प मेंएमएसएमई सेक्टर की प्रभावी भूमिका रहेगीः मल्होत्रा

फरीदाबाद। डीएलएफ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रधान जेपी मल्होत्रा ने लोकल ग्लोबल और वोकल संबंधी मुहिम के साथ आत्मनिर्भर भारत संकल्प में जहां एमएसएमई सेक्टर की प्रभावी भूमिका रहने का दावा किया है। वहीं मल्होत्रा का मानना है कि आवश्यकता इस बात की है कि इस अभियान में सभी संबंधित क्षेत्र अपने-अपने क्षेत्र पर योगदान दें।

MSME sector will play an effective role in self-reliant India resolve: Malhotra

Faridabad. JP Malhotra, head of the DLF Industries Association, has claimed to have an effective role of the MSME sector in the self-reliant India Resolution with a local global and vocal campaign. At the same time, Malhotra believes that the need is that all concerned areas should contribute on their respective fields in this campaign.

मल्होत्रा के अनुसार लोकल अब वास्तव में बिजनेस की एक आवश्यकता बन गया है। यही नहीं ग्लोब्लाईजेशन के मॉडल में भी लोकल-वोकल को अधिक महत्ता दिखाई दे रही है। यही नहीं विभिन्न राष्ट्रों ने भी इस मुहिम पर ध्यान देना आरंभ कर दिया है जिससे एमएसएमई सैक्टर्स के समक्ष नये अवसरों के साथ-साथ चुनौतियां बढना स्वाभाविक है।

मल्होत्रा का मानना है कि औद्योगिक राष्ट्र स्वयं को विकसित कर रहे हैं और बिजनेस में उच्चस्तरीय स्पर्धा का माहौल बन रहा है।

मल्होत्रा के अनुसार आवश्यकता इस बात की है कि सरकार की औद्योगिक नीति ऐसी होनी चाहिए, जिससे उन क्षेत्रों व उद्योगों को प्रोत्साहन मिल सके जो वास्तव में आत्मनिर्भर भारत व लोकल-वोकल मुहिम में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं या निभा सकते हैं।

मल्होत्रा का मानना है कि वास्तविक आत्मनिर्भर भारत तभी होगा, जब हम राष्ट्र विकास के साथ-साथ जनता और बिजनेस की सामर्थता तथा क्षमता बढ़ाने के लिये कार्य कर सकें।

मल्होत्रा का मानना है कि राष्ट्रीय स्तर पर लागत संबंधी क्षमता को बेहतर बनाना होगा और जिस प्रकार यूरोप के लिये यूरोप, एशिया के लिये एशिया मार्किट का उल्लेख किया जाता है, उसी प्रकार हमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इंडिया के लिये इंडिया को सम्मिलित कराना होगा।
मल्होत्रा के अनुसार भारत मेें बड़े बाजारों की संभावनाएं तभी बनती हैं जब भारतीयों की आय में बढ़ौतरी होती है।

मल्होत्रा का मानना है कि हमें केवल कुछ स्तर पर स्पर्धा के लिये ही तैयार नहीं होना होगा बल्कि इको सिस्टम प्रणाली, औपचारिक व अनौपचारिक इंटरप्राईज के साथ विभिन्न देशों में अपनी पहचान को बनाना होगा।

मल्होत्रा का मानना है कि बड़ी कंपनियों को छोटे घरेलू उद्योगों को संरक्षण देना होगा और सभी को मिलकर आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ाना होगा। आपने स्पष्ट करते कहा है कि यह मानवीय पहलू है कि प्रोत्साहन से कई कार्यों को सिद्ध किया जाता है।

मल्होत्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों के अनुरूप आत्मनिर्भर भारत के लिये राष्ट्रीय, राज्यस्तरीय, जिला स्तरीय प्रयासों को तीव्र करने की आवश्यकता पर बल देते कहा है कि यदि सभी वर्ग एकजुटता से कार्य करें, तो लोकल ग्लोबल और वोकल के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत की मुहिम को निश्चित रूप से सफलता मिलेगी जोकि वर्तमान परिवेश में काफी जरूरी है।

 

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