नई दिल्ली। लद्दाख बॉर्डर पर चीन के साथ जारी तनातनी के बीच भारत के लिए एक अच्छी खबर आई है। भारत के रक्षा क्षेत्र को जल्द और मजबूती मिलने वाली है। जानकारी के मुताबिक 4 राफेल लड़ाकू विमानों का दूसरा बेड़ा अगले महीने भारत पहुंच सकता है। बता दें कि पांच राफेल विमानों का पहला बेड़ा 29 जुलाई को भारत आ चुका है जिन्हें 10 सितंबर को वायुसेना में शामिल कर लिया गया।
Rafael fighters will come out next month amidst tension with China
New Delhi. There has been good news for India amidst the ongoing conflict with China over the Ladakh border. India’s defense sector is going to be strengthened soon. According to the information, the second fleet of 4 Rafale fighter jets can reach India next month. Let us know that the first fleet of five Rafale aircraft has arrived in India on 29 July, who were inducted into the Air Force on 10 September.
राफेल लड़ाकू विमानों के दूसरे बेड़े को शामिल करने की तैयारियों के तहत भारतीय वायुसेना ने साजो-सामान संबंधी मुद्दों को देखने और वहां सेंट-डिजियर वायुसेना केंद्र पर चुनिंदा पायलटों के प्रशिक्षण की समीक्षा के लिए अधिकारियों के एक दल को फ्रांस भेजा है।
अगले महीने भारत आएंगे 4 राफेल
चार राफेल विमानों का दूसरा बेड़ा अगले चार सप्ताह में भारत पहुंच सकता है। पांच राफेल विमानों का पहला बेड़ा 29 जुलाई को भारत पहुंचा था। इससे करीब चार साल पहले भारत ने फ्रांस के साथ 59,000 करोड़ रुपये की लागत से, ऐसे 36 विमान खरीदने के लिए करार किया था।
अधिकारियों ने कहा कि वायुसेना के कई दल जनवरी से अब तक फ्रांस का दौरा कर भारत केंद्रित शस्त्र प्रणालियों को शामिल करने सहित, राफेल परियोजना की प्रगति का अवलोकन कर चुके हैं। वायुसेना के राफेल परियोजना प्रबंधन दल का एक दफ्तर पेरिस में है जिसके प्रमुख ग्रुप कैप्टन रैंक के एक अधिकारी हैं। अधिकारियों ने कहा कि एयर स्टाफ के सहायक प्रमुख (परियोजना) के नेतृत्व में विशेषज्ञों का एक दल इस सप्ताह की शुरुआत में फ्रांस पहुंचा था।
2023 तक आएंगे सभी फाइटर
राफेल विमानों के पहले बैच को 10 सितंबर को वायुसेना में शामिल किया गया था। वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया ने पांच अक्टूबर को कहा था कि 2023 तक सभी 36 राफेल विमान वायुसेना में शामिल कर लिए जाएंगे।
अभी तक भारत को दस राफेल लड़ाकू विमानों की आपूर्ति की जा चुकी है जिनमें से पांच विमानों को वायुसेना के पायलटों को प्रशिक्षण देने के लिए फ्रांस में रोका गया है।