इस्लामाबाद। पाकिस्तान के कराची में पुलिस और सेना के बीच हुई झड़प के देश में गृह युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। पुलिस और सेना आमने-सामने आ गए हैं। अब भी दोनों के बीच भीषण गोलीबारी हो रही है। वहीं, पाकिस्तानी मीडिया ने गंभीर होते हालात को कहीं न कहीं जनता से छिपाने की कोशिश भी शुरू कर दी है। दरअसल, सफदर और उनकी पत्नी पीएमएल-नवाज की उपाध्यक्ष मरियम नवाज पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट की रैली में भाग लेने के लिए कराची आई थीं। इसी दौरान सफदर को उनके होटल के कमरे से गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि जल्द ही उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।
Fierce firing between army and police in Pak, 10 jawans dead, may be coup
Islamabad. Civil war-like situation has arisen in the country due to clash between police and army in Karachi, Pakistan. Police and army have come face to face. There is still fierce firing between the two. At the same time, Pakistani media has also started trying to hide the serious situation from the public somewhere. In fact, Safdar and his wife PML-Nawaz Vice President Maryam Nawaz had come to Karachi to participate in the rally of Pakistan Democratic Movement. Meanwhile, Safdar was arrested from his hotel room. However, he was soon released on bail.
पाकिस्तान के कराची में पुलिस और सेना के बीच हुई झड़प में दस जवानों की मौत हो गई है। मरने वालों में सेना के पांच अधिकारी भी शामिल हैं। हालांकि, पाकिस्तानी मीडिया ने इस खबर को दबाने की पुरजोर कोशिश की है।
इंटरनेशनल हेराल्ड के एक ट्वीट के अनुसार कराची में सिंध पुलिस और पाकिस्तानी सेना के बीच हुई गोलीबारी में दस जवानों की मौत हो गई। गोलीबारी के दौरान सिंध के पुलिस अधीक्षक एम आफताब अनवर को हिरासत में ले लिया।
हालांकि, कई मीडिया ग्रुप ने अपने ट्विटर हैंडल पर टकराव की सूचना दी है। पाकिस्तान के मुख्यधारा के मीडिया ने इस खबर को जनता से छिपाने की पूरी कोशिश की है।
सेना और पुलिस के बीच मामला उस समय तूल पकड़ा, जब 11 विपक्षी दलों के गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने कराची में एक विशाल रैली की।
इस रैली में सेना की कठपुतली बनी इमरान सरकार और सेना पर जमकर निशाने साधे गए। रैली में जबर्दस्त भीड़ इकट्ठा हुई थी। लंदन से वीडियो लिंक के जरिए पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने भी संबोधित किया।
सिंध पुलिस ने ट्वीट कर कहा है कि 18-19 अक्तूबर की रात को सेना के जवानों ने आईजी सिंध मुश्ताक मेहर का अपहरण कर लिया था। उन्हें मोहम्मद सफदर की गिरफ्तारी के आदेश पर दस्तखत करने के लिए मजबूर भी किया था। सिंध पुलिस इन व्यवहार से काफी आहत है, जबकि आईजी ने विरोध दर्ज कराने के लिए अनिश्चितकालीन के लिए छुट्टी पर जाने का फैसला लिया। श्इतना ही नहीं तीन अतिरिक्त आईजी, 25 डीआईजी, 30 एसएसपी और सिंध के दर्जनों एसपी, डीएसपी और एसएचओ सहित पुलिस के लगभग सभी शीर्ष अधिकारियों ने इसके विरोध में छुट्टी के आवेदन दिए।
सेना ने जारी किया बयान
सेना की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि सेना प्रमुख ने कराची कोर कमांडर को तत्काल घटना की जांच करने और जितनी जल्दी हो सके रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
बयान में हालांकि यह नहीं स्पष्ट किया गया है कि उन्होंने किस घटना की जांच कराने को कहा है, लेकिन इससे पहले पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने प्रशासन से सफदर की गिरफ्तारी से जुड़ी घटनाओं की जांच कराने की मांग की थी।
मंत्री ने कराया आईजी का अपहरण
पाकिस्तान के आतंरिक मामलों के मंत्री ब्रिगेडियर इजाज शाह पर आरोप है कि पूर्व पीएम नवाज शरीफ के दामाद सफदर अवान की गिरफ्तारी के लिए सिंध पुलिस प्रमुख पर दबाव डालना और उनका अपहरण इजाज शाह के दिमाग की उपज है।
उन्होंने पुलिस अधिकारी के अपहरण मामले में पाकिस्तानी रेंजर्स का बचाव किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रणाली में किसी भी राजनेता को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर राष्ट्रीय संस्थानों को निशाना बनाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
बरसे मौलाना फजलुर रहमान
मौलाना फजलुर रहमान ने कहा कि पूरे मुल्का का नियंत्रण सेना ने संभाला हुआ है। हर जिले, तहसील और डिविजन पर सेना का आदमी बैठा है। पूरा सूबा सेना चला रही है। एपेक्स कमिटी बनी है, जिसमें एक फौजी अफसर होता है, उसके सामने एसपी, कमिश्नर सब बेबस नजर आते हैं। आम नागरिकों की मदद के कानून के नाम पर पाकिस्तानी सेना कब्जा कर चुकी है। मेरी मांग है कि फौज सभी नागरिक जिम्मेदारियों से हटे।
दो हल्के सैन्य तख्तापलट हो चुके हैं
पाकिस्तान में वर्ष 2008 से जनता की सरकार है, लेकिन अब तक दो हल्के सैन्य तख्तापलट हो चुके हैं। इसमें वर्तमान समय में सिंध में चल रहा विरोध शामिल है। इस समय सिंध में पुलिस और सेना आमने-सामने है।