यूपी में किसानों ने दिल्ली-ग्रेटर नोएडा हाईवे जाम किया, पंजाब में रेल जाम, हरियाणा और बिहार में भी प्रदर्शन

नई दिल्ली। विवादास्पद कृषि बिलों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन में 265 से अधिक किसानों संगठनों ने आज सड़कों पर उतरकर रैलियां की और मार्च निकाले। किसानों ने कहा कि जब तक कि बिलों को वापिस नहीं लिया जाता है तब तक ऐसे ही विरोध जारी रहेगा। कांग्रेस, राजद और तृणमूल जैसे विपक्षी दलों समेत 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने किसानों के समर्थन में आवाज उठाई। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कृषि बिलों को ष्ऐतिहासिकष् बताया और किसानों को गुमराह करने के लिए विपक्ष पर निशाना साधा। सरकार ने कहा है कि बिल किसानों को उनकी उपज को बाजारों में बेचने और उनकी पसंद की कीमतों को बेचने की अनुमति देकर बेहतर मूल्य प्राप्त करने में मदद करेंगे। हालांकि, किसानों को एमएसपी के नुकसान और कॉरपोरेट की कृषि में एंट्री से डर लग रहा है। किसान कहते हैं कि ये बिल छोटे और सीमांत किसानों के लिए नुकसानकारी है।

Farmers jammed Delhi-Greater Noida highway in UP, rail jams in Punjab, protests in Haryana and Bihar

New Delhi. In the nationwide agitation against the controversial agricultural bills, more than 265 farmers’ organizations took out rallies and marched on the streets today. The farmers said that until the bills are withdrawn, similar protests will continue. The 10 central trade unions, including opposition parties like Congress, RJD and Trinamool, voiced support for the farmers. However, Prime Minister Narendra Modi today termed the agricultural bills as historical and targeted the opposition for misleading the farmers. The government has said that the bills will help farmers get better prices by allowing them to sell their produce in the markets and the prices of their choice. However, farmers fear the loss of MSP and entry into corporate agriculture. Farmers say that this bill is harmful for small and marginal farmers.

पंजाब में किसानों ने भारतीय किसान यूनियन और रिवॉल्यूशनरी मार्कि्सस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के बैनर तले जालंधर में फिल्लौर के पास अमृतसर-दिल्ली नेशनल हाईवे को जाम कर दिया।

पंजाब के अमृतसर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। यहां किसान पिछले कई दिनों से कृषि बिल के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं। प्रशासन ने शहर के सभी क्रॉसिंग प्वाइन्ट पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है।

पंजाब के लुधियाना के लाडोवाल टॉल प्लाजा पर पुलिस प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं। वहां अतिरिक्त बल की तैनाती की गई है, ताकि किसी अनहोनी से निपटा जा सके। लुधियाना पुलिस प्रशासन ने कहा है कि किसान नेताओं ने शांतिपूर्ण आंदोलन का भरोसा दिया है।

राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी किसानों से अपील की है कि वो राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखें और आंदोलन के दौरान भी सामाजिक दूरी का ख्याल रखें।

दिल्ली से सटे नोएडा में भी किसानों का विरोध-प्रदर्शन चालू है। किसानों ने दिल्ली-नोएडा-ग्रेटर नोएडा हाईवे जाम कर दिया है। इससे आवाजाही प्रभावित हुई है। हालांकि, नोएडा के डीसीपी ने दावा किया है कि ट्रैफिक डायवर्ट कर देने की वजह से आम जनजीवन पर बंद का कोई असर नहीं पड़ा है।

दिल्ली-मेरठ हाईवे को भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओ ने जाम कर दिया है और हाइवे पर ट्रैक्टर, ट्रालियां लाकर खड़ी कर दी हैं। हाईवे पर बैठकर किसान हुक्का गुड़गुड़ाते नजर आए। इस दौरान किसानों ने मोदी सरकार मुर्दाबाद के जमकर नारे लगाए।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत-बड़ौत-खेकड़ा-रमाला-टटीरी समेत विभिन्न जगहों पर भी भाकियू कार्यकर्ताओं ने चक्का जाम कर दिया है। वहां भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।

पटना में नेता विपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव ने किसानों के भारत बंद का समर्थन करते हुए खुद ट्रैक्टर चलाया। इस दौरान उनके बड़े भाई तेज प्रताप ट्रैक्टर के ऊपर बैठे थे। पीछे राजद कार्यकर्ताओं का हुजूम चल रहा था।

बिहार के दरभंगा में राजद कार्यकर्ताओं ने भैंसों पर चढ़कर किसान बिल का विरोध किया। राजधानी पटना में बीजेपी दफ्तर के बाहर प्रदर्शनकारियों और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की खबर है।

कर्नाटक में किसान एसोसिएशन से जुड़े लोगों ने कर्नाटक-तमिलनाडु को जोड़ने वाली हाईवे पर जमकर विरोध-प्रदर्शन किया।  वहां बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।

किसान संगठनों के बंद को कांग्रेस, राजद, समाजवादी पार्टी, अकाली दल, आप, टीएमसी समेत कई राजनीतिक दलों का समर्थन मिला है। देशभर के किसान कृषि बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

 

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