भारतीय तेल कंपनियों ने अब चीनी जहाजों और टैंकरों पर लगाया प्रतिबंध

नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा पर जारी तनाव और चीन से बिगड़ते रिश्तों के बीच भारत की बड़ी तेल कंपनियों ने अपने कच्चे और पेट्रोलियम उत्पादों को लाने और ले जाने में चीन के जहाज और चीनी टैंकरों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है।

Indian oil companies now ban Chinese ships and tankers

New Delhi. Amid ongoing tensions at the India-China border and deteriorating relations with China, large Indian oil companies have banned the use of Chinese ships and Chinese tankers in transporting and carrying their crude and petroleum products.

भारतीय तेल कंपनियों का कहना है कि वे चीन के स्वामित्व वाले किसी भी ऑयल टैंकर या शिप का इस्तेमाल भारत में कच्चे तेल आयात करने या भारत से डीजल निर्यात करने के लिए नहीं करेंगे, भले ही उसे किसी थर्ड पार्टी ने ही रजिस्टर क्यों न किया हो। ऐसा करने वाली थर्ड पार्टी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।

भारतीय तेल कंपनियों ने फैसला किया है कि देश में तेल आयात और निर्यात करने के लिए लगने वाली बोली से चीनी जहाजों को बैन किया जाएगा। इन कंपनियों ने ओपेक देशों के साथ दुनिया भर के ऑयल ट्रेडर्स को साफ शब्दों में कह दिया है कि किसी भी चाइनीज जहाज से भारत तेल नहीं भेजा जाए।

हालांकि, तेल कंपनियों के इस कदम से तेल के व्यापार पर किसी तरह का नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है, क्योंकि ऑयल टैंकर के बिजनेस में चीनी जहाजों की हिस्सेदारी न के बराबर है, लेकिन तेल कंपनियों के इस कदम से दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों में और खटास बढ़ेगी।

बिजनेस पर नहीं पड़ेगा असर

इस मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि भारत आने वाले ज्यादातक विदेशी तेल टैंकर लाइबेरिया, पनामा और मॉरीशस की कंपनियों के हैं। इस बिजनेस में चीन की हिस्सेदारी न के बराबर है, इसलिए भारत के तेल व्यापार और तेल कंपनियों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि चीनी जहाजों का उपयोग सीमित है और इनका इस्तेमाल ज्यादातर लिक्विड पेट्रोलियम गैस के ट्रांसपोर्टेशन में होता है। हालांकि, इस मुद्दे पर अभी तक इंडियन ऑयल लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।

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