तेहरान। इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच हुए ऐतिहासिक समझौते से ईरान और तुर्की भड़क गए हैं। इन देशों ने करार को फलस्तीन के साथ विश्वासघात करार दिया है।
Israeli-UAE agreement creates panic among Muslim countries, says dagger in Muslim’s back
Tehran. The historic agreement between Israel and the United Arab Emirates (UAE) has provoked Iran and Turkey. These countries have called the agreement a betrayal of Palestine. Tehran has even termed the agreement as a dagger in the back of all Muslims.
तेहरान ने तो समझौते को सभी मुस्लिमों की पीठ में खंजर घोंपना तक करार दिया है।
फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने भी इसकी तीखी आलोचना करते हुए यूएई के कदम को धोखा करार दिया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से गुरुवार को इजरायल और यूएई ने करार किया था। इससे दोनों देशों के बीच संबंध सामान्य होने की राह निकलेगी।
मुस्लिमों की पीठ में खंजर
ईरान के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि इस समझौते के साथ यूएई ने फलस्तीन लोगों और सभी मुस्लिमों की पीठ में खंजर घोंप दिया है।
जबकि तुर्की के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि क्षेत्र के लोग इसे कभी नहीं भूलेंगे। वे यूएई के इस कपटपूर्ण बर्ताव को भी कभी माफ नहीं करेंगे।
इससे पहले हमास भी इस समझौते की तीखी आलोचना कर चुका है। उसने भी समझौते को लोगों की पीठ में छुरा घोंपने जैसा करार दिया है।
इजरायल और यूएई के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए हुए समझौते का संयुक्त राष्ट्र (यूएन), यूरोपीय यूनियन (ईयू), फ्रांस और चीन समेत कई देशों ने स्वागत किया है।
यूएन महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने समझौते का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि इससे इजरायली और फलस्तीन नेताओं के बीच अर्थपूर्ण बातचीत का मार्ग प्रशस्त होगा।
ईयू ने कहा कि यह समझौता क्षेत्र में स्थिरता कायम करने में मददगार होगा।
फ्रांस ने कहा कि समझौते से इजरायल और ईयू के बीच संबंध सामान्य होंगे।
जबकि चीन ने इसे तनाव दूर करने वाला कदम बताया है।