भारत-चीन सीमा पर 45 साल में पहली बार चलीं गोलियां, चीनी सैनिक घातक हथियारों के साथ चोटियां कब्जाना चाहते थे, प्रयास विफल

नई दिल्ली/लद्दाख। भारत और चीन के बीच एलएसी पर 45 साल में पहली बार गोलियां चलीं। एक ओर चीन तनाव घटान के लिए विदेश मंत्री जयशंकर से बात करने के लिए मिन्नतें कर रहा है, तो दूसरी ओर नीचता पर उतारू है। 7-8 सितंबर की रात को गलवान घाटी की तरह चीनी सैनिक रॉड, नुकीले डंडों, भाले और अन्य घातक हथियारों के साथ आए और कुछ पहाड़ी चोटियों को कब्जाना चाहते थे। भारतीय सैनिकों ने पहले तो उन्हें चेतावनी दी। चीनी सैनिक फिर भी नहीं माने, तो भारतीय सैनिक भिड़ने को तैयार हो गए। इस पर चीनी सैनिकों ने फायरिंग शुरू कर दी। चीनी सैनिकों के नापाक इरादों को ध्वस्त करने के लिए भारतीय सैनिकों ने हवाई फायर शुरू कर दिए। भारतीय सैनिकों का रौद्र रूप देखकर शत्रुदल में भगदड़ मच गई और साहसी सैनिकों ने चीन का कुत्सित प्रयास विफल कर दिया।

For the first time in 45 years, firing on the Indo-China border, Chinese soldiers wanted to grab peaks with deadly weapons, efforts failed

New Delhi / Ladakh. For the first time in 45 years, For the first time in 45 years, firing take place on the Indo-China border. Chinese soldiers wanted to grab peaks with deadly weapons, but efforts failed. On the one hand, China has been making requests to talk to Foreign Minister Jaishankar to reduce tensions, on the other hand, he has been down to lowliness. On the night of 7–8 September, Chinese troops came with rods, pointed batons, spears and other deadly weapons, like the Galvan Valley, and wanted to capture some mountain peaks. Indian soldiers first warned them. Chinese soldiers still did not agree, then the Indian soldiers agreed to fight. At this the Chinese troops started firing. Indian troops opened air fire to destroy the nefarious intentions of the Chinese soldiers. Seeing the rage of Indian soldiers, there was a stampede in the enemy and the courageous soldiers foiled China’s desperate attempt.

लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ता ही जा रहा है। सोमवार देर रात पैंगॉन्ग त्सो झील पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भारत और चीन के सैनिकों में गोलीबारी की घटना हुई है।

सोमवार की शाम चीन की सेना के करीब 50 सैनिक रेजांग ला के उत्तर में स्थित मुखपारी चोटी के पास भारतीय पोस्ट की ओर आक्रामक तरीके से आए थे।

चीनी सैनिकों की कोशिश मुखपारी चोटी और रेजांग ला इलाकों से भारतीय सैनिकों को हटाने की थी।

मीडिया में आई तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि चीनी सैनिक नुकीले रॉड और भाले लिए हुए थे।

उन्होंने भारतीय सैनिकों को उकसाने के लिए 10-15 राउंड हवाई फायरिंग भी की थी।

 

भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया है कि सोमवार की शाम करीब छह बजे पीएलए के करीब 50 सैनिक आक्रामक तरीके से मुखपारी चोटी के पास भारतीय पोस्ट की ओर आए थे। चीनी सैनिकों की कोशिश मुखपारी चोटी और रेजांग ला इलाकों से भारतीय सैनिकों को हटाने की थी।
भारतीय सेना के अनुसार चीनी सैनिकों के पास रॉड, भाले और धारदार हथियार थे। और तो और ऐसी नापाक हरकत करने वाले चीन ने पूरी बेशर्मी के साथ उलटे भारतीय सैनिकों पर ही एलएसी को पार करने का आरोप लगा दिया।

चीन का मिथ्या आरोप

सोमवार शाम की इस घटना के बाद चीन ने भारतीय सैनिकों पर ही आरोप लगा दिया।

चीन ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने सीमा पार की थी। उसके इस झूठ पर मंगलवार को भारतीय सेना ने बयान जारी किया।

भारतीय सेना ने कहा कि चीन की सेना आगे बढ़ने के लिए उकसावे वाली गतिविधियां कर रही है।

भारतीय सेना ने स्पष्ट तौर पर कहा कि हम क्षेत्र में शांति और स्थिरता चाहते हैं। हालांकि हम हर कीमत पर राष्ट्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए भी दृढ़ हैं।

भारतीय सेना ने कहा, ‘चीन घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांतिपूर्ण तरीके से सेनाओं को पीछे हटाने और स्थिति को सामान्य करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। वहीं चीन आगे बढ़ने के लिए उत्तेजक गतिविधियां कर रहा है। किसी भी चरण में भारतीय सेना ने एलएसी पार नहीं की और न ही किसी भी आक्रामक साधन का सहारा लिया जिसमें गोलीबारी भी शामिल है।’

सेना ने कहा, ‘सात सितंबर को हुए तात्कालिक मामले में, चीन के पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) सैनिकों ने एलएसी पर हमारी फॉरवर्ड पोजिशन के करीब पहुंचने की कोशिश की। जब भारतीय सैनिकों ने उन्हें वापस जाने के लिए कहा, तो उन्होंने भारतीय सैनिकों को उकसाने के लिए हवा में फायरिंग की।’

भारतीय सेना ने कहा, ‘यह पीएलए है, जो समझौतों का घोर उल्लंघन कर रहा है और आक्रामक युद्धाभ्यास कर रहा है। हमारे सैनिकों ने जिम्मेदार तरीके से व्यवहार किया।’

चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के वेस्टर्न थियेटर कमान के प्रवक्ता कर्नल झांग शुइली ने कहा कि भारतीय सैनिकों की ओर से कथित उकसावे की कार्रवाई की गई, जिससे चीनी सैनिकों की ओर से जवाबी कार्रवाई हुई।

चीन को खटक रहा है ब्लैक टॉप और हेल्मेट टॉप

सेना के सूत्रों ने पुष्टि की कि वार्निंग शॉट्स फायर किए गए थे। चीन की नजर हमारे ब्लैक टॉप और हेल्मेट टॉप पर है। सीमा पर तैनात जवान तब से हाई अलर्ट पर हैं, जब से चीन की ओर से इन दोनों चोटियों पर कब्जा करने की कोशिश की है।

सूत्रों के अनुसार हमारे जवानों ने इन दोनों चोटियों को पूरी तरह से नियंत्रण में ले रखा है। इससे खुन्नस खाए चीनी सैनिक इन दोनों चोटियों पर नियंत्रण हासिल करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं।

अहम चोटी पर कब्जा

29-30 अगस्त की रात चीन की साजिशों को नाकाम करते हुए भारतीय सेना ने पैंगॉन्ग त्सो झील के दक्षिणी हिस्से में मौजूद एक अहम चोटी पर वापस कब्जा कर लिया था।

यह रणनीतिक रूप से काफी अहम मानी जाती है। यहां से चीनी सैनिक कुछ मीटर की दूरी पर ही हैं।

बताया जाता है कि 9-30 अगस्त की रात चीनी सैनिकों ने इस चोटी पर कब्जे की साजिश रची थी, लेकिन भारतीय सेना की स्पेशल ऑपरेशन बटालियन ने उन्हें तुंरत पीछे खदेड़ दिया था।

एलएसी पर 5 जून से तनाव

बता दें कि एलएसी के पास दोनों देशों के सैनिकों के बीच लंबे समय से तनाव बरकरार है।

दोनों देशों के सैनिकों के बीच बीते 5 जून को गलवान घाटी में बड़ी हिंसक झड़प हुई थी। इसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे।
चीन को भी भारी नुकसान हुआ था। अंतराराष्ट्रीय मीडिया में कहा गया था कि इस झड़प में चीन के 35 से 40 सैनिक मारे गए हैं, लेकिन चीन ने अब तक अपने मारे गए सैनिकों की संख्या नहीं बताई।

तब से दोनों ओर से सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर स्थिति को सामान्य करने की कोशिश जारी है।

 

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