गृहमंत्री विज नाखुश हुए एडीजीपी चावला से, सभी दायित्व वापस लिए

चंडीगढ़। हरियाणा के फायर ब्रांड मंत्री अनिल विज ने पुलिस मुख्यालय का बृहस्पतिवार को निरीक्षण किया, तो गृह मंत्री अनिल विज एडीजीपी एएस चावला पर इतने कुपित हुए कि उन्होंने उनसे सभी कार्य वापस ले लिए और उनके कार्य दूसरे अधिकारियों को सौंप दिए।

Home Minister Vij was unhappy with ADGP Chawla, withdrew all charges

Chandigarh. Haryana Fire Brand Minister Anil Vij inspected the police headquarters on Thursday, while Home Minister Anil Vij was so angry at ADGP AS Chawla that he withdrew all charge from him.

सूत्रों का कहना है कि गृहमंत्री अनिल विज पंचकूला पहुंचे और उन्होंने बृहस्पतिवार 2 बजेपुलिस हेड क्वार्टर में औचक निरीक्षण किया।

गृह मंत्री अनिल विज ने कार्यालय में कई दस्तावेजों और विभिन्न परियाजनाओं का जायजा लिया।

उन्होंने डायल 112 प्रोजेक्ट के प्रगति की जानकारी ली, तो उन्हें अधिकारी संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।

यह प्रोजेक्ट विज का ड्रीम प्रोजेक्ट है।

डायल 112 प्रोजेक्ट के सिरे न चढ़ने को लेकर विज का पारा हाई हो गया।

उन्होंने तत्काल एडीजीप एएस चावला से सभी चार्ज वापस लिए।

अब चावला सिर्फ कार्यालय आएंगे लेकिन कोई कार्य नहीं करेंगे।

उनके निर्णय से पुलिस मुख्यालय में हड़कंप मच गया।

गृहमंत्री ने बाद में कहा कि डायल नम्बर 112 का कार्य एक साल से लंबित है। जबकि यह बहुत महत्वपूर्ण सेवा है। इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती।

विज ने चावला के कार्यभार अन्य अधिकारियों को सौंप दिए हैं।

एडीजीपी आलोक कुमार रॉय को टेलिकम्युनिकेशन का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।

एडीजीपी नवदीप सिंह विर्क को जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ब्रांच, एस्टेब्लिशमेंट-2 और 3 ब्रांच व इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलॉजी का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है।

एडीजीपी कला रामचंद्रन को एस्टेब्लिशमेंट ब्रांच-1, लीगल ब्रांच और ट्रेनिंग ब्रांच का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।

यह है डायल 112 प्रोजेक्ट

हरियाणा के गृह मंत्रालय ने यह प्रोजेक्ट फरवरी 2020 में बनाया था।

गृह विभाग ने सी. डैक से 90 करोड़ रुपये में 630 नए इमरजेंसी रिस्पांस व्हीकल्स की खरीदने के लिए डील की थी।

इन व्हीकल्स पर विभिन्न आपातकालीन उपकरण लगाए जाने थे।

इन व्हीकल्स और उपकरणों से यदि कोई व्यक्ति हरियाणा के पुलिस नियंत्रण कक्ष में कॉल करता, तो शहरी क्षेत्रों में 15 मिनट और ग्रामीण क्षेत्रों में 30 मिनट के अंदर आपातकालीन पुलिस सेवाएं उपलब्ध हो जातीं।

इस प्रोजेक्टर को पूरा करने की डेड लाइन मई 2020 तय की गई थी, जो अभी भी लटकी हुई थी। इससे विज का पारा हाई हो गया।

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