एक ही मंडप ने मां-बेटी ने दूल्हे संग लिए सात फेरे

गोरखपुर। एक ही मंडप में मां और बेटी दोनों की शादी। सुनने में भले अनोखा लगे लेकिन यह हकीकत है। शादी का यह अनूठा मंडप दो पीढ़ियों के सात फेरों का गवाह बना। यूं तो इस मंडप में एक साथ 63 शादियां हुईं लेकिन चर्चा सिर्फ एक शादी की रही। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के गृहक्षेत्र गोरखपुर में मां और बेटी दोनों का विवाह एक ही मंडप से संपन्न हुआ। मां बेला देवी ने पहले बेटी का कन्यादान कर अपना फर्ज निभाया। इसके बाद खुद शादी का जोड़ा पहनकर उसी मंडप में अपने जीवनसाथी के साथ बैठीं।

Mother and daughter took seven rounds with the groom in the same pavilion

Gorakhpur. Marriage of both mother and daughter in the same pavilion. It may sound strange but it is a reality. This unique wedding pavilion witnessed seven rounds of two generations. Although there were 63 marriages together in this pavilion but the discussion was only one wedding. Both mother and daughter were married in the same pavilion in Gorakhpur, the home town of UP CM Yogi Adityanath. Mother Bela Devi performed her duty by donating the first daughter. After this, she wore the wedding dress herself and sat with her spouse in the same pavilion.

गोरखपुर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 63 जोड़ों की एक साथ शादी हुई। इस शादी की महफिल का दिल मां और बेटी ने जीत लिया। पिपरौली ब्लॉक की मां और बेटी ने भी यहां अपने-अपने जीवन साथी के साथ सात फेरे लिए।बताते चलें मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना तहत पिपरौली ब्लॉक की बेला देवी अपने पांच बच्चों में से चार की शादी कर चुकी हैं। इसी योजना में उनकी छोटी बेटी इंदु की शादी पाली के राहुल से हुई। खास बात यह रही कि बेटी का कन्यादान करने के बाद मां ने इसी मंडप में शादी की। 55 साल के जगदीश के साथ बेला देवी का विवाह हुआ। उम्र के आखिरी पड़ाव में जीवन साथी चुनकर दोनों ने जिंदगी की नई शुरुआत की है।

बेटे-बेटियों की शादी के बाद अकेले जिंदगी गुजारना बेला देवी के लिए आसान नहीं था। बेला और उनके जीवनसाथी जगदीश ने बच्चों और परिवार वालों के सलाह-मशविरा करने के बाद शादी का फैसला लिया। मां-बेटी की इस शादी की हर तरफ चर्चा हो रही है।

25 साल पहले विधवा हुईं बेला को मिला दूल्हा

पिपरौली ब्लॉक की कुरमौल निवासी बेला देवी के पति की मौत 25 साल पहले ही हो गई थी। पहले पति से बेला के दो बेटे और तीन बेटियां हैं। 25 साल से अकेले जिंदगी गुजार रहीं बेला ने परिवार की सलाह के बाद अपने ही देवर से शादी रचाई है। पिपरौली ब्लॉक के कुरमौल निवासी जगदीश तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं।

खेतीबाड़ी से अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले 55 वर्षीय जगदीश अविवाहित ही जिंदगी गुजार रहे थे। जब सामूहिक विवाह कार्यक्रम के बारे में दोनों को पता चला तो इसी मंडप में एक-दूजे के होने का फैसला कर लिया। बेटी की शादी होने के बाद उन दोनों ने भी अपने विवाह की रस्मों को पूरा किया। शादी में बीडीओ डॉक्टर सीएस कुशवाहा साक्षी के तौर पर मौजूद रहे।

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