हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने इस्तीफा देने के लिए रखी ये शर्त

चंडीगढ़। हरियाणा सरकार की अनौपचारिक कैबिनेट बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि किसानों के मामले में पहले से ही हमारी पार्टी अपना स्टैंड स्पष्ट कर चुकी है। केंद्र और किसान संगठनों की निरंतर बातचीत जारी है। जल्द यह विषय सुलझने की उम्मीद है।

Haryana Deputy CM Dushyant Chautala laid this condition for resignation

Chandigarh. After the informal cabinet meeting of Haryana government, Deputy Chief Minister Dushyant Chautala said in a press conference that our party has already made its stand clear in the matter of farmers. There is ongoing dialogue between the Center and farmer organizations. This topic is expected to be resolved soon. Regarding MSP, Deputy Chief Minister Dushyant Chautala said that we are ensuring MSP on every single grain of farmers’ crops in the state. The day I could not ensure the MSP of the farmers, I would resign.

एमएसपी को लेकर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हम राज्य में किसानों की फसलों के एक-एक दाने पर एमएसपी सुनिश्चित कर रहे हैं। जिस दिन किसानों की एमएसपी को सुनिश्चित नहीं कर पाया, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा।

उन्होंने कहा कि चौ. देवीलाल जी कहते थे कि किसानों की बात सरकार तभी सुनती है जब किसान की हिस्सेदारी सरकार में हो। किसानों को उनकी फसल के उचित दाम दिलाना मेरी जिम्मेदारी है। किसानों की बात रखने के लिए मैं निरंतर केंद सरकार के संपर्क में, केंद्रीय मंत्रियों से भी बातचीत हुई है।

उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य सरकार ने बेहतर तरीके से किसानों की फसल खरीद रही है। प्रदेश सरकार ने साढ़े सात लाख मीट्रिक टन बाजरे की ऐतिहासिक खरीद की है। इसके साथ ही 55 हजार मीट्रिक टन और बाजार खरीदने की अनुमति दी है। कपास, दाल, मक्का, मूंगफली की भी खरीद की जाएगी और आगामी छोटी फसलों को भी सरकार उचित ढंग से खरीद करेगी।

उन्होंने कहा कि किसानों को लेकर प्रदेश की तरफ से जेजेपी और राज्य सरकार निरंतर केंद्र को सुझाव भी दे रही है। केंद्र सरकार निरंतर किसानों को बुलाकर उनकी बात सुन रही है। केंद्र सरकार लिखित में किसानों के हित में बदलाव के लिए तैयार, ये किसानों के संघर्ष की जीत है। विश्वास है कि जल्द किसान अपने फायदे को समझेंगे। किसानों की सबसे पहली और बड़ी मांग एमएसपी को बिल में एड करने की थी।

उन्होंने कहा कि आज हरियाणा में हमने एमएसपी, फसल खरीद को बेहतर तरीके से सुनिश्चित की, राजस्थान-पंजाब में नहीं यह व्यवस्था नहीं है। पंजाब के मुख्यमंत्री ने पंजाब के किसानों को प्रताड़ित किया है। बिजाई के सीजन में पंजाब के किसान खाद-बीज नहीं मिलने के कारण परेशान रहे हैं। बॉर्डर पर बैठे किसानों के धरने के लिए 1000 से भी ज्यादा कर्मचारी ड्यूटी पर हैं। जेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह चौटाला ने सबसे पहले एमएसपी को लिखित में शामिल करने के लिए कहा था।

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